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भिंडी की खेती से कमाई

फरवरी माह में भिंडी की इन किस्मों का करें उत्पादन मिलेगा बेहतरीन लाभ

फरवरी माह में भिंडी की इन किस्मों का करें उत्पादन मिलेगा बेहतरीन लाभ

फरवरी का महीना चल रहा है और इस माह में किसानों को अपनी आय को बढ़ाने के लिए भिंडी की इन टॉप 5 उन्नत किस्मों की खेती करनी चाहिए। जो कम वक्त में शानदार उपज देने में सक्षम हैं। भिंडी की यह किस्में अर्का अनामिका, पंजाब पद्मिनी, अर्का अभय, पूसा सावनी और परभनी क्रांति है। किसान अपनी आय को बढ़ाने के लिए खेत में सीजन के मुताबिक फल व सब्जियों का उत्पादन करते हैं। इसी कड़ी में आज हम देश के कृषकों के लिए भिंडी की टॉप 5 उन्नत किस्मों की जानकारी लेकर आए हैं। हम जिन भिंडी की उन्नत किस्मों की बात कर रहे हैं, वह पूसा सावनी, परभनी क्रांति, अर्का अनामिका, पंजाब पद्मिनी और अर्का अभय किस्म है।

ये समस्त किस्में कम वक्त में शानदार उपज देने में सक्षम हैं। बतादें, कि भिंडी की इन किस्मों की बाजार में वर्षभर मांग बनी रहती है। भारत के कई राज्यों में भिंडी की इन किस्मों का उत्पादन किया जाता है। भिंडी की इन टॉप 5 उन्नत किस्मों में विटामिन,फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स के साथ-साथ मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम और पोटैशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है।

भिंडी की शानदार 5 उन्नत किस्में निम्नलिखित हैं 

भिंडी की पूसा सावनी किस्म - भिंडी की यह उन्नत किस्म गर्मी, ठंड और बारिश के मौसम में सुगमता से उत्पादित की जा सकती है। भिंडी की पूसा सावनी किस्म बारिश के मौसम में लगभग 60 से 65 दिन के समयांतराल में तैयार हो जाती है। 

भिंडी की परभनी क्रांति किस्म- भिंडी की इस किस्म को पीता-रोग का प्रतिरोध माना जाता है। अगर किसान इनके बीज खेती में लगाते हैं, तो यह करीब 50 दिनों के समयांतराल पर ही फल देने लगते हैं। बतादें, कि परभनी क्रांति किस्म की भिंडी गहरे हरे रंग की होती है। साथ ही, इसकी लंबाई 15-18 सेमी तक की होती है।

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भिंडी की अर्का अनामिका किस्म- यह किस्म येलोवेन मोजेक विषाणु रोग से लड़ने में काफी सक्षम है। इस किस्म की भिंडी में रोए नहीं पाए जाते। साथ ही, इसके फल काफी ज्यादा मुलायम होते हैं। भिंडी की यह किस्म गर्मी और बारिश दोनों ही सीजन में शानदार उत्पादन देने में सक्षम है।

भिंडी की पंजाब पद्मिनी किस्म- भिंडी की इस किस्म को पंजाब विश्वविद्यालय के द्वारा विकसित किया गया है। इस किस्म की भिंडी एक दम सीधी और चिकनी होती है। साथ ही, यदि हम इसके रंग की बात करें, तो यह भिंडी गहरे रंग की होती है।

भिंडी की अर्का अभय किस्म- यह किस्म येलोवेन मोजेक विषाणु रोग से लड़ने में सक्षम है। भिंडी की अर्का अभय किस्म खेत में लगाने से कुछ ही दिनों में अच्छा उत्पादन देती है। इस किस्म की भिंडी के पौधे 120-150 सेमी लंबे और सीधे होते हैं।

जायद सीजन में लाल भिंडी की खेती आपको मालामाल बना सकती है

जायद सीजन में लाल भिंडी की खेती आपको मालामाल बना सकती है

भिंडी की सब्जी का सेवन करना बहुत सारे लोगों को काफी प्रिय होता है। यही वजह है, कि मंडियों में इसका अच्छा भाव मिलता है। क्योंकि कुछ लोग इसकी सूखी सब्जी बनाते हैं तो कुछ भरवां भिंडी खाना पसंद करते हैं। 

ऐसा कहना गलत नहीं होगा की यह एक लोकप्रिय सब्जी है। आपने भी कभी न कभी भिंडी की सब्जी अवश्य खाई होगी। जब भी भिंडी की बात होती है, तो हमारे मन में हरे रंग की भिंडी का विचार आता है। परंतु, क्या आप जानते हैं, कि भिंडी केवल हरी नहीं, बल्कि लाल रंग की भी होती है। 

जी हां, हरी भिंडी की भांति लाल भिंडी भी खाने में बेहद स्वादिष्ट होती है। हालांकि, लाल भिंडी की कीमत हरी भिंडी से अधिक होती है। इन दिनों बहुत सारे किसान भाई लाल भिंडी की खेती कर इससे मोटा मुनाफा अर्जित कर रहे हैं। ऐसे में आज हम आपको लाल भिंडी की खेती के बारे में बताऐंगे। 

लाल भिंडी की दो उन्नत किस्में 

वर्तमान में लाल भिंडी की केवल दो ही उन्नत किस्में विकसित हुई हैं। साथ ही, किसान इन किस्मों की खेती करके मोटा लाभ उठा रहे हैं। इनमें, आजाद कृष्णा और काशी लालिमा शामिल हैं।

किसान भाई घर बैठे इस प्रकार मंगवाएं बीज

अगर किसान लाल भिंडी की उन्नत किस्म 'काशी लालिमा' और 'आजाद कृष्णा' का बीज घर पर पाना चाहते हैं, तो घर बैठे ऐसा कर सकते हैं। दरअसल, इसके लिए किसान राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। 

दरअसल, किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम भिंडी की उन्नत किस्मों के बीज ऑनलाइन बेच रहा है। इनके बीजों को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं।

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यहां किसानों को विभिन्न अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी सुगमता से मिल जाऐंगे। किसान इसको ऑनलाइन माध्यम से ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं। फिलहाल, राष्ट्रीय बीज निगम भिंडी के बीजों की खरीद पर काफी भारी अनुदान दे रहा है। 

अगर आप लाल भिंडी की प्रजाति 'काशी लालिमा' खरीदना चाहते हैं, तो इसके बीज का 100 ग्राम का पैकेट 40 फीसदी की छूट के साथ मात्र 45 रुपये में मिल रहा है। 

काशी लालिमा और आजाद कृष्णा किस्मों की विशेषताऐं ?

काशी लालिमा: काशी लालिमा किस्म की लाल भिंडी की खेती रबी और खरीफ दोनों सीजन में सुगमता से की जा सकती है। हालांकि, इसके लिए आपको बीज खरीदते समय यह ध्यान देना पड़ेगा कि वह किस सीजन के बीज हैं। 

किसान जिस खेत में भी भिंडी की खेती करें, उसमें ध्यान रखें कि पानी ना रुके, वरना पौधे खराब हो सकते हैं। इस किस्म की फसल शीघ्रता से तैयार हो जाती है और ज्यादा समय तक फल प्रदान करती है। इसमें 45-50 दिन में ही फल मिलने चालू हो जाते हैं और लगभग 6 महीने तक मिलते रहते हैं।

आजाद कृष्णा: आजाद कृष्णा भिंडी का उत्पादन 80 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है। एंटीऑक्सीडेंट व एंथोसाइनिन होने की वजह से यह स्वास्थ्य के लिए तो लाभदायक होती ही है। 

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साथ ही, इसके सूखने के बाद गुड़ साफ करने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस किस्म की फसल भी काफी शीघ्रता से तैयार हो जाती है। इसके पौधे की ऊँचांई 100-125 सेमी तक होती है। गर्मयों में ये किस्म 40-45 तथा बरसात के दौरान 50-55 दिनों में उपज देना प्रारंभ कर देती है।

लाल भिंडी के क्या-क्या फायदे हैं ?

लाल भिंडी की कीमत हरी भिंडी से ज्यादा होती है। केवल इतना ही नहीं लाल भिंडी में हरी भिंडी से ज्यादा पौष्टिकता विघमान रहती है। लाल भिंडी स्वास्थ्य के लिए भी बेहद उपयुक्त है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और आयरन होता है। 

इसका सेवन करने से बहुत सारी बीमारियों से छुटकारा मिलता है। लाल भिंडी से लोगों को मधुमेह और दिल से जुड़ी बिमारियों में भी फायदा पहुंचता है। इसी वजह से लाल भिंडी की बाजार में खूब मांग रहती है।